ATM Full Form Hindi Me : एटीएम का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of एटीएम

ATM Full Form in Hindi : दोस्‍तों, हम सभी को कभी न कभी ATM मशीन से पैसा निकालने की जरूरत पड़ती ही है। घर के बच्‍चे भी अक्‍सर बड़ो के मुंह से एटीम शब्‍द सुनते हैं।

एटीम शब्‍द इतना कॉमन होने के बावजूद हमें ATM Ka Full Form 2024 पता नहीं होता है। इसलिये आज हम आप सभी से ATM Ka Full Form in Hindi के बारे में विस्‍तार से बताने जा रहे हैं।

ताकि यदि कोई आपसे ATM Full Form हिंदी में पूछ ले तो आपको बगले झांकने पर मजबूर न होना पड़े।

लेकिन इसके साथ साथ हम आज की इस पोस्‍ट में एटीम के बारे में कुछ और जरूरी जानकारी भी साझा करेंगें जो आपके लिये उपयोगी साबित होगी। तो चलिये पता करते हैं कि एटीम फुल फार्म , atm ka full form in Hindi , atm ka full form kya hota hai , atm full form in hindi , ATM ka pura name क्‍या है?

Contents

ATM का पूरा नाम क्‍या होता है? What is ATM Full Form in English

ATM Full Form in Hindi
एटीएम का हिंदी नाम

ATM Full Form in English : अंग्रेजी भाषा में ATM का Full Form – Automatic Teller Machine होता है।

ATM Full Form in Hindi क्‍या है

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि एटीम को अंग्रेजी में Automatic Teller Machine कहते हैं, ठीक उसी प्रकार हिंदी भाषा में भी इसे एक नाम दिया गया है। जिसको नीचे स्‍पष्‍ट किया गया है।

  • ए = स्‍वचलित
  • टी = टेलर
  • एम = मशीन

तो इस प्रकार आपको पता चल गया होगा कि ATM का Full Form हिंदी में क्‍या होता है।

आखिर ATM होता क्‍या है? ( ATM Full Form )

ऑटोमैटिक टेलर मशीन यानि ATM एक ऐसी मशीन है, जिसकी सहायता से बैंक संबंधी वित्‍तीय लेन देन जैसे रूपयों की नकद निकासी, नकद रूपया जमा करना तथा फंड ट्रांसफर जैसे कामों को करते हैं। एटीम की सहायता से एक बैंक का नकद जमा / निकासी का काम किसी दूसरे बैंक की एटीएम मशीन पर जाकर आसानी से किया जा सकता है।

एटीएम मशीन के आने से भारत समेत पूरी दुनिया का बैंकिंग सिस्‍टम पूरी तरह बदल गया है। अब जमा – निकासी, फंड ट्रांसफर करने जैसे कामों को करने के लिये हमें बैंक में जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।

इसके अलावा एटीएम एक दूसरी सबसे बड़ी खूबी यह है कि Automatic होने के कारण, हम अपना काम बिना किसी बैंक कर्मचारी की सहायता से पूरा कर पाते हैं।

कुछ अन्‍य ATM Full Form की जानकारी संक्षेप में

अलग अलग सेक्‍टर में कुछ ऐसी मशीनें या प्रणालियां होती हैं, जो पुकारी तो एक खास नाम से जाती हैं लेकिन उनका अर्थ उस सेक्‍टर के लिये अलग होता है। ATM भी उन्‍हीं शब्‍दों में से एक है।

  • एवीयेशन तकनीक में ATM का फुल फार्म – Air Traffic Management (हवाई यातायात प्रबंधन) होता है।
  • आईटी सेक्‍टर में एटीएम का मतलब – Asynchronous Transfer Mode होता है (यह एक प्रकार का टेलीकम्‍यूनिकेशन कॉन्‍सेप्‍ट होता है जिसे एएनएसआई तथा आईटीयू के द्धारा Define किया गया है।
  • इसके अलावा Association of Teachers of Mathematics (गणित के टीचर्स की एक संस्‍था) जो UK में Non Profit Organization के रूप में Registered है। इसे भी Short में ATM बोला जाता है।
  • मलेशिया की सशस्‍त्र सेना का एक नाम – Angkatan Tentera Malaysia है जिसे Short में ATM पढ़ा और बोला जाता है।

एटीएम मशीन से पैसा किसकी सहायता से निकाला जाता है

एटीएम मशीन से भारत में 3 प्रकार से पैसा निकाला जा सकता है। जिनकी जानकारी नीचे क्रम से Step by Step दी जा रही है –

डेबिट कार्ड के माध्‍यम से

आप किसी भी बैंक के ATM से डेबिट कार्ड के प्रयोग से पैसा निकाल सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड के माध्‍यम से

मास्‍टर कार्ड अथवा वीजा जैसे किसी भी क्रेडिट कार्ड से 24/7 x 365 कभी भी पैसा निकाल सकते हैं वह भी अपनी आवश्‍यक्‍तानुसार

आधार कार्ड के माध्‍यम से

भारत में RBI तथा वित्‍त मंत्रालय की पहल पर बैंकों ने डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड रहित जमा निकासी को सुलभ बनाने की दिशा में तेजी से काम किया है। यही वजह है कि देश में अब ऐसी एटीएम मशीनें भी लगना शुरू हो गयी हैं, जिसमें आप अपना आधार नंबर डाल कर पैसा निकाल सकते हैं।

Some ATM Highlights ( ATM Full Form )

  • एटीएम अब आम हो चुका है, इन मशीनों को समूचे भारत में शहर से लेकर गांव तक सभी जगह लगाया गया है।
  • इन मशीनों से शहरी लोगों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी आसानी से पैसा निकाल व जमा कर सकते हैं।
  • बैंक तो प्रत्‍येक कार्यदिवस में एक निश्चित समय अंतराल के लिये खुलते हैं, लेकिन एटीएम में बैंकिंग गतिविधियां 24 घंटे चालू रहती हैं।
  • एटीएम मशीन में डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड डालने के बाद PIN डाला जाता है। बिना पिन इंटर किये कोई भी जमा धन निकाल नहीं सकता है।
  • एटीएम पिन एक सुरक्षात्‍मक प्रक्रिया है, यह हमें धन हानि से बचाती है।
  • एटीएम की सुविधा देना भारत में अब सभी बैंकों के लिये अनिवार्य है।
  • भारत में पोस्‍ट ऑफिस भी एटीएम सुविधा प्रदान करने लगा है।
  • ATM के साथ डेबिट कार्ड धारक का मोबाइल नंबर भी जुड़ा होता है, इससे जब भी एटीएम से पैसा निकाला जाता है, तो एक मैसेज धारक के मोबाइल नंबर पर भी आता है।
  • एटीएम कार्ड के एवज में बैंक आपसे कुछ पैसा सेवा चार्ज के रूप में लेते हैं, साथ ही दूसरे बैंकों के एटीएम से निकासी के लिये सभी बैंकों के कुछ नियम होते हैं, जिन्‍हें उपभोक्‍ता को मानना जरूरी होता है।
  • एटीएम में इस्‍तेमाल किये जाने वाले कार्ड को ऑनलाइन शॉपिंग करते समय भी प्रयोग किया जा सकता है।

ATM की खोज किसने की थी?

Luther George Simijian को एटीएम का आविष्‍कारक माना जाता है। यह मूल रूप से यूनाइटेड स्‍टेट ऑफ अमेरिका के नागरिक थे। इन्‍होंनें सन 1939 एटीएम मशीन की खोज कर ली थी। उन्‍होंनें इस मशीन का नाम Bankmatic रखा। बाद में विकास के क्रम में इस मशीन का नाम ATM Full Form – Automatic Teller Machine हो गया।

एटीएम मशीन के मुख्‍य पार्ट (हिस्‍से) क्‍या हैं?

Automatic Teller Machine के मुख्‍य 2 पार्ट होते हैं जो Users को मशीन ऑपरेट करने में सहायता करते हैं।

  • Input Device
  • Output Device

इनपुट डिवाइस के बारे में जानें

Card Reader – इनपुट डिवाइस में सबसे अहम रोल Card Reader का होता है। इसी कार्ड रीडर की सहायता से मशीन यूजर्स के ATM Card की डेटा को पढ़ा जाता है। यह डेटा एटीएम कार्ड के पिछले हिस्‍से में मौजूद मैग्‍नेटिक स्ट्रिप में होता है। इसके अलावा अब Chip लेवल प्रमुखता से जारी किये जा रहे हैं। इसलिये Card Reader को Chip को पढ़ने के लिये भी सक्षम बनाया गया है।

Keypad – इसकी मदत से हम अपने कार्ड का पिन विवरण Enter करते हैं। इसके अलावा इस Keypad की सहायता से हम अपना ट्रांजेक्‍शन Cancel, Clear, Enter जैसे इनपुट करते हैं।

आउटपुट डिवाइस के बारे में जानें

Output Device के मुख्‍य रूप से 4 हिस्‍से होते हैं

Screen : यह किसी भी एटीएम मशीन का सबसे जरूरी हिस्‍सा होता है। हम मशीन में जो भी गतिविधि करते हैं, वह हमें इसी Screen पर दिखाई पड़ता है। यह स्‍क्रीन में Touch सुविधा भी होती है। डेटा इनपुट करने के लिये हम इस स्‍क्रीन पर अंगुली के इस्‍तेमाल से Enter कर सकते हैं।

Speaker : प्रत्‍येक ATM मशीन में एक स्‍पीकर जरूर होता है। जिसकी सहायता से मशीन हमें सुविधा संबंधी जरूरी दिशा निर्देश देती रहती है।

Cash Dispenser : यह बहुत महत्‍वपूर्णं हिस्‍सा होता है, इसकी सहायता से मशीन हमें नकद राशि निकाल कर हमें देती है।

Receipt Printer : जब हम एटीएम मशीन से लेन देन पूरा कर लेते हैं, तो मशीन रसीद प्रिंट करने का ऑप्‍शन Yes or No में देती है। एटीएम से मिलने वाली रसीद लेन देन का प्रमाण होती है।

विश्‍व में कुल कितने प्रकार के ATM होते हैं

पूरी दुनिया में अनेक प्रकार के व अनेक सुविधाओं से लैस एटीएम मौजूद हैं। जिनकी अपनी अपनी लिमिट है। आइये जानें कौन सा एटीएम किस प्रकार का होता है व कैसे काम करता है।

ऑनलाइन एटीएम – ऑनलाइन एटीएम अपने बैंक से इंटरनेट के माध्‍यम से 24/7×365 से जुडे रहते हैं। इस प्रकार के एटीएम से आप खाते में शेष रकम से ज्‍यादा धनराशि निकाल नहीं सकते।

ऑफलाइन एटीएम – इस प्रकार के एटीएम की सबसे खास बात यह होती है कि यह अपने बैंक के डाटाबेस से जुड़ा नहीं होता है। इस प्रकार के एटीएम से आप अपने खाते में शेष धनराशि से ज्‍यादा पैसा भी निकाल सकते हैं।

ऑनसाइट एटीएम – यह विशेष प्रकार के एटीएम होते हैं। इन्‍हें बैंक शाखा के परिसर के अंदर लगाया जाता है।

ऑफसाइट एटीएम – एक ही बैंक शाखा के परिसर में अलग अलग मौजूद एटीएम को ऑफसाइट एटीएम कहा जाता है।

येलो लेबल एटीएम – Yellow लेबल ATM E-Commerce सुविधा के लिये लगाये जाते हैं वह भी विशेष प्रकार के स्‍थानों पर।

व्‍हाइट लेबल एटीएम – Non Banking फाइनेंस कंपनियों के द्धारा लगाये जाने वाले ATM’s को White लेबल एटीएम कहा जाता है।

Orange Label ATM – शेयर ट्रांजेक्‍शन के काम में आने वाले एटीएम को ऑरेंज लेबल एटीएम कहा जाता है।

पिंक लेबल एटीएम – गुलाबी लेबल के ATM में केवल महिलायें ही प्रवेश कर सकती हैं, इनमें पुरूषों का अंदर आना वर्जित होता है।

ब्राउन लेबल एटीएम – इस प्रकार के एटीएम सर्विस प्रोवाइडर को पटटे पर दिये जाते हैं। किंतु बैंकिंग नेटवर्क के लिये कैश मैनेजमेंट एक बैंक के द्धारा ही किया जाता है।

ग्रीन लेबल एटीएम – इस तरह के एटीएम विशेष रूप से किसानों के लिये लगाये जाते हैं। इन एटीएम पर किसान अपना ट्रांजेक्‍शन बिना किसी असुविधा के कर सकते हैं।

FAQ For एटीएम का फुल फार्म ( ATM Full Form )

सबसे पहले ATM PIN कितने डिजिट का होता था?

आधुनिक एटीएम मशीन का पिन जॉन शेफर्ड बैरोन ने 6 डिजिट का पिन बनाया था। जिसे उनकी पत्‍नी को 6 अंकों का पिन याद नहीं हो रहा था। इस असुविधा को देखते हुये उन्‍होंनें एटीएम का पिन 4 अंकों में रखने का फैसला किया।

भारत में पहला ATM किसके सहयोग से और कहां लगाया गया था?

भारत में पहला एटीएम HSBC (हांगकांग एवं शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन) के द्धारा सन 1987 में लगाया गया था।

दुनिया में पहला एटीएम कब और कहां लगा था? ATM Full Form in Hindi

Barclays Bank ने 27 जून 1967 को इंग्‍लैंड में लंदन शहर में लगाया था।

विश्‍व का पहला Floating ATM किस बैंक ने स्‍थापित किया?

विश्‍व का पहला Floating ATM – SBI केरल ने लगाया था।

ATM से पैसा निकालने वाला दुनिया का पहला व्‍यक्ति कौन था?

रेग वर्नी जोकि एक मशहूर कॉमेडी अभिनेता थे, उन्‍होंनें सबसे पहले एटीएम से Cash निकाला था।

किस देश में लोग बिना बैंक खाते के भी पैसा निकाल सकते हैं?

रोमानिया दुनिया का एक ऐसा देश है, जहां बैंक खाते के बिना भी एटीएम मशीन से पैसा निकाला जा सकता है।

बायोमैट्रिक एटीएम का प्रयोग कहां किया जाता है?

ब्राजील में एटीएम बायोमैट्रिक सिस्‍टम पर काम करते हैं। यहां मशीन से पैसा निकालने के लिये सबसे पहले अंगुलियों को स्‍कैन कराना पड़ता है।

आधार नंबर की सहायता से पैसा किस देश में निकाला जा सकता है?

भारत दुनिया का इकलौता देश है, जहां एटीएम मशीन से आधार नंबर डाल कर पैसा निकाला जा सकता है।

Final Words for ATM Ka Full Form Hindi Me

तो दोस्‍तों यह थी हमारी आज की पोस्‍ट ATM Full Form Hindi Me : एटीएम का फुल फॉर्म क्‍या है आशा करते हैं कि इससे आपको काफी सहायता मिली होगी। यदि आप atm full form in Hindi , atm ka full form , atm ka pura naam से संबंधित कोई अन्‍य प्रश्‍न पूछना चाहते हैं तो आप हमसें कमेंट बॉक्‍स के जरिये पूछ सकते हैं।

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3 thoughts on “ATM Full Form Hindi Me : एटीएम का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of एटीएम”

  1. आपका ब्लॉग पढ़कर मेरी सारी प्रॉब्लम Solve हो गई है | Thank You so Much

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