Shiksha Mitra Latest News Today : उत्तर प्रदेश सरकार के द्धारा शिक्षामित्रों को लेकर कुछ बड़े फैसले लिये गये हैं। जिसमें शिक्षामित्रों की रिटायर्डमेंट आयु सीमा निर्धारित करना भी शामिल है। प्रदेश सरकार ने सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल तय कर दी है। अब यूपी के Shiksha Mitra 60 वर्ष की आयु तक अध्यापन कार्य कर सकेंगें।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 1.46 लाख Shiksha Mitra विभिन्न प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत हैं। यह सभी संविदा आधारित कर्मी हैं तथा इन्हें वेतन के रूप में मानदेय प्रदान किया जाता है।
शिक्षामित्रों को हर साल 11 महीने मानदेय दिया जाता है। चूंकि सभी शिक्षामित्र संविदा कर्मी के रूप में स्कूलों में अपनी सेवायें प्रदान करते हैं। इसलिये इन्हें हर माह 10000 रूपये का मानदेय प्राप्त होता है।
वर्ष 2014 में पहले बैच में शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के रूप में समायोजित भी किया गया था। लेकिन बाद में सरकार ने इनका समायोजन निरस्त करके वापस मानदेय आधारित संविदा कर्मी बना दिया था।
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Shiksha Mitra Latest News Today 2023 – शिक्षा मित्रों की सेवानिवृत्ति आयु कितनी है
Shiksha Mitra Latest News Today : Shiksha Mitra Retirement Age – सरकार के नये फैसले के अनुसार अब यूपी में शिक्षा मित्रों की सेवानिवृत्ति आयु 60 साल होगी। शिक्षा मित्र अब 60 साल की आयु पूरी होने तक बिना किसी बाधा के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में अपनी सेवायें प्रदान करते रहेंगें।
Shiksha Mitra Latest News 2023 – शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि कब होगी
Shiksha Mitra Mandey Me Vradhi Kab Hogi : हाल ही में लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से आये सवा लाख से ज्यादा शिक्षामित्रों ने रैली की। जिसमें उन्होंनें कहा कि वह पिछले 22 साल से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवायें प्रदान कर रहे हैं और वह सहायक अध्यपकों के बराबर काम करते हैं। इसलिये उनके मानदेय में वृद्धि की जानी चाहिये।
शिक्षा मित्रों के इस महासम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर ने शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि करने के संबंध में शिक्षा मित्रों को आश्वासन दिया कि वह इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगें।
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शिक्षा मित्र महासम्मेलन में कौन कौन सी मांग शिक्षामित्रों ने रखीं
1 – टीईटी पास शिक्षामित्रों को Rules में शिथिलता देते हुए सहायक अध्यापक पद पर नियमित किया जाए।
2 – मूल विद्यालय में वापसी से वंचित शिक्षा मित्रों को पुन: एक अवसर प्रदान करते हुए मूल विद्यालय में वापस किया जाए।
3 – महिला शिक्षामित्रों को विवाद के बाद उनके ससुराल के जिले के विद्यालय में स्थानांतरित किया जाए।
4 – नियमावली में संशोधन कर शिक्षामित्रों की योग्यता पूर्ण कराकर पुन: समायोजित या नियमित किया जाए।
5 – नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को सम्मिलित कर इनका भविष्य सुरक्षित किया जाए।
6 – मृतक शिक्षामित्रों को अहेतुक सहायता प्रदान करते हुए परिवार के आश्रित को जीविकोपार्जन के लिए नियुक्ति प्रदान की जाए।
उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों की भर्ती का मुख्य कारण
Shiksha Mitra Latest News : आपकी जानकारी के लिये यह बताना आवश्यक है कि यूपी में प्राथमिक सरकारी स्कूलों में शिक्षा मित्रों की भर्ती 1999 में शुरू हुई थी। जिसका मुख्य कारण प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियमित शिक्षकों की भारी कमी का होना था। नियमित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिये ही शिक्षामित्रों की मानदेय पर भर्ती की गयी थी। बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने इन सभी शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यपक के पद पर तैनात करके समान वेतन देना प्रारंभ किया था। लेकिन मामला कोर्ट में पहुंच गया और यूपी की नयी योगी सरकार ने शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पदों पर हुये समायोजन को निरस्त करके उन्हें पुन: शिक्षा मित्र बना कर मानदेय देना शुरू कर दिया था।
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