Ragging Complaint Register कैसे करें? रैगिंग की शिकायत कैसे दर्ज करायें

Ragging Complaint Process in Hindi : भारत में सरकार के द्धारा Ragging पर पूरी तरह रोक लगाई जा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी देश के विभिन्‍न शिक्षण संस्‍थानों में चोरी छिपे जूनियर छात्रों की रैगिंग किये जाने की घटनायें होती रहती हैं।

ऐसे जरूरी हो जाता है कि Ragging से परेशान छात्र अपने सीनियर छात्रों व कॉलेज के खिलाफ Ragging Complaint Register कर सीनियर्स को सबक सिखायें तथा स्‍कूल व कॉलेजों को कैंपस में रैगिंग की घटनाओं पर रोकथाम करने के लिये विवश करें।

Ragging भारतीय शिक्षा प्रणाली का एक काला अध्‍याय बन चुका है। रैगिंग के चलते न जाने कितने होनहार छात्रों का कैरियर बरबाद हो चुका है तथा अनेक छात्र रैगिंग के चलते आज नरकीय जीवन बिताने पर मजबूर हैं।

यदि आप आने वाले समय मे किसी ऐसे संस्‍थान में Admission लेने जा रहे हैं, जहां Ragging की घटनायें होना आम बात है। इसलिये आप उस College में Admission लेने से पहले Ragging Complaint Register करने का पूरा Process जरूर सीख लें।

क्‍या पता आपको कब रैगिंग की शिकायत करने की आवश्‍यक्‍ता पड़ जाये। आज की इस पोस्‍ट में हम आपको रैगिंग की शिकायत कैसे करें? रैगिंग की शिकायत कहां करें? Register a Complaint at Anti Ragging Helpline के बारे में विस्‍तार से जानकारी प्रदान करेंगें। कृप्‍या इसे सावधानी से तथा ध्‍यानपूर्वक पढ़ें।

Contents

Ragging क्‍या है और हमें Ragging Complaint करने की जरूरत क्‍यों पड़ती है?

किसी शिक्षण संस्थान में सीनियर छात्र एंटी रैगिंग कानून का उल्लघंन करके रैगिंग का प्रयास कर रहे हैं, तो पीडि़त जूनियर छात्र Ragging Complaint Register करा सकते हैं।

What is Ragging : Ragging in Hindi – रैगिंग स्‍कूल कॉलेजों में की जाने वाली एक ऐसी क्रिया है, जो सीनियर छात्र छात्राओं के द्धारा स्‍कूल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले नये छात्र छात्राओं के ऊपर की जाती है।

रैगिंग में सीनियर छात्र छात्रायें जूनियर छात्रों से कुछ काम करने का आदेश देते हैं, जिसे जूनियर छात्रों को करना अनिवार्य होता है। यदि जूनियर छात्र छात्रायें सीनियर छात्रों के आदेश को मानने से इंकार कर देते हैं, तो सीनियर छात्र उन्‍हें अपने स्‍तर पर दंडित भी करते हैं।

कभी कभी यह दंड इतना भयानक भी होता है कि कई छात्र छात्रायें अपने जीवन से हाथ तक धो बैठते हैं। भारत में रैगिंग से परेशान छात्रों के द्धारा आत्‍महत्‍या किये जाने तक की घटनायें प्रकाश मे आ चुकी हैं। यही कारण है कि भारत मे रैगिंग पर कानून बना कर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।

यदि फिर भी किसी शिक्षण संस्‍थान में सीनियर छात्र एंटी रैगिंग कानून का उल्‍लघंन करके रैगिंग का प्रयास कर रहे हैं, तो पीडि़त जूनियर छात्र Ragging Complaint Register करा सकते हैं।

Ragging शुरू होने के कारण क्‍या थे?

स्‍कूल कॉलेजों में रैगिंग की शुरूआत जूनियर छात्रों के साथ हंसी मजाक का माहौल बनाने के लिये हुई थी। जिसका उद्देश्य नये जूनियर छात्रों की नये स्‍कूल में होने वाली झिझक को समाप्‍त करना था।

लेकिन समय बीतने के साथ ही Ragging का वीभत्‍स चेहरा सामने आने लगा। आधुनिक होते समाज मे रैगिंग एक अभिशाप बन कर उभरने लगा। पहले रैगिंग जूनियर छात्र छात्राओं से उनका Introduction लेने के लिये की जाती थी।

लेकिन धीरे धीरे कुछ विकृत मानसिकता के सीनियर छात्र छात्राओं ने जूनियर छात्रों के कपड़े उतरवा कर सबके सामने डांस तक करवाने लगे। जिससे रैगिंग के नाम से ही जूनियर छात्रों के मन में भय व्‍याप्‍त होने लगा।

आज हालत यह है कि सीनियर छात्र छात्राओं के द्धारा रैगिंग के नाम पर परेशान किये जाने पर Ragging Complaint Register कराने जैसे कदम जूनियर छात्रों को उठाने पर मजबूर होना पड़ते हैं।

Also Read :

रैगिंग के नुकसान क्‍या हैं? रैगिंग को बुरे व्‍यवहार का कारण क्‍यों माना गया है?

  • रैगिंग के दौरान सीनियर छात्र जूनियर छात्रों के साथ गलत व्‍यवहार करते हैं।
  • रैगिंग के दौरान सीनियर छात्र छात्राओं के द्धारा जूनियर छात्रों के साथ अपमान जनक रूप से छेड़छाड़ की जाती है।
  • सीनियर्स के आदेश का पालन न करने पर जूनियर छात्रों के साथ वीभत्‍स रूप से मारपीट की घटनाओं को भी अंजाम दिया जाता है।
  • रैगिंग के दौरान फ्रेशर्स को जरूरत से ज्‍यादा शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।
  • जूनियर छात्रों के साथ अमानवीय कृत्‍य करने के चलते रैगिंग को गंभीर अपराध घोषित करना पड़ा है।
  • रैगिंग एक ऐसी क्रिया है, जिसे करना सीनियर छात्र अपना संवैधानिक अधिकार समझ बैठते हैं।
  • नये छात्रों से जबरन ड्रेस कोड का पालन कराया जाता है।
  • जूनियर छात्र छात्राओं के साथ अश्‍लील व फूहड़ किस्‍म का मजाक किया जाता है।
  • रैगिंग के दौरान सीनियर छात्र द्धिआर्थी शब्‍दों का प्रयोग करते हैं, जिससे जूनियर छात्रों को शर्मिंदगी महसूस होती है।
  • सीनियर छात्रों के द्धारा कॉलेज में आने वाली अनजान लड़की को शादी को प्रपोज तक किया जाता है।
  • रैगिंग के दौरान छात्रों को बिना कपड़ों को सबके सामने नचाया जाता है।
  • जूनियर छात्र छात्राओं को मूत्र पीने को भी विवश किया जाता है।
  • जूनियर छात्रों को बिजली के नंगे तार छूने पर विवश किया जाता है।
  • इन्‍हीं अमानवीय तथा पाशविक कृत्‍यों को चलते भारत में रैगिंग को Ban करके Ragging Complaint Register करके जूनियर छात्र छात्राओं को राहत पहुंचाने का काम सरकार ने शुरू किया।

Ragging Meanning in Hindi

रैगिंग का शब्दिक अर्थ हिंदी में डांटना अथवा सताना होता है। लेकिन विश्‍वविद्धालयों की स्‍थापना तेजी से होने के बाद भारत में रैगिंग जूनियर छात्र छात्राओं से उनका परिचय लेना तथा उन्‍हें नये अकादमिक माहौल में ढालने के लिये शुरू की गयी थी। बाद में इसका रूप विकृत होता चला गया।

रैगिंग का इतिहास क्‍या है? भारत में रैगिंग का इतिहास एवं इसे प्रतिबंधित करके Ragging Complaint Register करने की प्रथा की शुरूआत कब हुई

विश्‍व में Ragging का जन्‍म यूरोपीय देशों में हुआ था। सबसे पहले यूरोप की टॉप Universities में रैगिंग का चलन शुरू हुआ। चूंकि भारत उन दिनों ब्रिटेन का उपनिवेश था, इसलिये यह प्रथा यूरोपीय विश्‍वविद्धालयों से होते हुये भारत तक आ गयी।

भारत में रैगिंग का इतिहास 150-200 साल पुराना माना गया है। पहले पहल भारत में रैगिंग सेना में की जाती थी। ताकि नये जूनियर सैनिक सीनियर सैनिकों की दासता स्‍वीकार कर दासता के आदी हो जायें।

रैगिंग के जरिये जूनियर सैनिकों के सवालों की प्रवृत्ति पर लगाम कस कर उन्‍हें मानसिक रूप से गुलाम बनाये रखना था। यह एक प्रकार की अंग्रेजों की चाल थी। वह इसके जरिये अपने उपनिवेश पर पकड़ और अधिक मजबूत करना चाहते थे।

बाद में रैगिंग की प्रथा सैन्‍य संस्‍थानों से होते हुये भारत के सभी शि‍क्षण संस्‍थानों में घुसपैठ करने में सफल हो गयी। इसमें उभार उस वक्‍त देखने को मिला जब 70 के दशक में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक के बाद एक धड़ाधड़ नये विश्‍वविद्धालयों की स्‍थापना करना शुरू किया।

यह वह समय काल था, जब भारत में Ragging प्रचलित व लोकप्रिय हुई। वर्तमान समय में रैगिंग भारत और श्रीलंका में ही प्रचलित है। भारत में इसे कानून बना कर पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। पर इसके बावजूद कुछ संस्‍थानों में चोरी छिपे अब रैगिंग का दौर जारी है। यही कारण है कि Ragging Complaint Register करने की प्रथा भी चल पड़ी है। जिसके जरिये जूनियर छात्र अपने साथ हुये दुर्व्‍यवहार के लिये सीनियर छात्रों को करारा सबक सिखा रहे हैं।

एंटी रैगिंग हेल्‍पलाइन नंबर की शुरूआत कब हुई थी?

भारत में रैगिंग की बढ़ती घटनाओं तथा उनके दुष्‍परिणामों को ध्‍यान में रखते हुये देश की केंद्र सरकार ने रै‍गिंग को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। वर्ष जून 2009 में National Anti Ragging Helpline Number शुरू किया गया था। जिस पर रैगिंग से पीडि़‍त कोई भी छात्र अपनी शिकायत 24×7 दर्ज करा सकता है। यह एक टोल फ्री नंबर है।

National Anti Ragging Helpline Number कैसे काम करता है?

Ragging in Hindi : नेशनल एंटी रैगिंग हेल्‍पलाइन नंबर की सेवा विश्‍वविद्धालय अनुदान आयोग (UGC) के द्धारा दी जा रही है। टोल फ्री नंबर होने की वजह से इस पर शिकायत दर्ज कराने पर छात्रों को कॉलिंग शुल्‍क नहीं देना पड़ता है।

नेशनल एंटी रैगिंग हेल्‍पलाइन नंबर पर छात्र 12 भाषाओं में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। एक बार जब कोई छात्र इस नंबर पर शिकायत दर्ज करा देता है, तो Anti Ragging Complaint Register हो जाती है।

जिसके बाद UGC दर्ज शिकायत को छात्र के शिक्षण संस्‍थान तथा संबंधित यूनिवर्सिटी को भेज देता है। जिसके बाद कॉलेज और विश्‍वविद्धालय को रैगिंग के दोषी छात्रों पर कार्रवाही करनी पड़ती है।

इसके अलावा यूजीसी के द्धारा रैगिंग से पीडि़त छात्र की शिकायत की मॉनिटरिंग की जाती है। Ragging Complaint Register होने के बाद कॉलेज तथा विश्‍वविद्धालय ने क्‍या कार्रवाही की इस बात की जानकारी यूजीसी को देना अनिवार्य होता है।

UGC के नियमानुसार सभी College व Universities को नेशनल एंटी रैगिंग हेल्‍पलाइन नंबर अपने प्रोस्‍पेक्‍टस पर लिखना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

National Anti Ragging Helpline Number क्‍या है?

National Anti Ragging Helpline Number – 1800 180 5522

क्‍या Ragging Complaint Register करने के लिये एंटी रैगिंग सेल का भी गठन किया गया है?

यूजीसी के एक अन्‍य नियम के अनुसार भारत में सभी कॉलेजों तथा विश्‍वविद्धालयों में एंटी रैगिंग सेल का गठन अनिवार्य कर दिया गया है।

इसके अलावा UGC ने सभी शिक्षण संस्‍थानों को यह निर्देश भी जारी किये हैं कि वह एंटी रैगिंग सेल के तहत एक वेबसाइट पेज बनायें। जिस पर छात्र अपनी Ragging Complaint Register करा सकें।

छात्रों द्धारा वेबसाइट पेज अथवा एंटी रैगिंग सेल के समक्ष उपस्थित होकर शिकायत दर्ज करानी होगी। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन को पुलिस स्‍टेशन में जाकर FIR दर्ज करानी होगी। तथा 24 घंटों के भीतर शिकायत पर जांच कर रिपोर्ट भी सौंपनी होगी।

पंजाब में तकनीकी शिक्षण संस्‍थानों में रोकथाम के लिये पंजाब सरकार द्धारा उठाये गये कुछ कदम

  • पंजाब में राज्‍य स्‍तर पर सभी कॉलेजों, पॉलिटेक्निक, ITI आदि में एंटी रैगिंग सेल की स्‍थापना की गयी है।
  • पंजाब में रैगिंग के दोषी छात्र को तुरंत निष्‍काशित करने की कार्रवाही की जाएगी।
  • रैगिंग के दोषी छात्रों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
  • पंजाब में राज्‍य स्‍तरीय एंटी रैगिंग हेल्‍पलाइन स्‍थापित की जाएगी। जो संस्‍थान स्‍तर पर रैगिंग की शिकायत का निपटारा न होने की दशा में मामले की सुनवाई कर कार्रवाही का आदेश देगा।
  • पंजाब में स्‍कूल कॉलेजों आदि को इस बात के निर्देश जारी किये गये हैं, कि Admission के समय छात्र के अभिभवकों को एक ऐफिडेविट देना होगा, जिसमें इस बात का उल्‍लेख होगा कि उनका बच्‍चा कॉलेज में होने वाली रैगिंग की गतिविधि में शामिल नहीं होगा।

Ragging Complaint Latter कैसे लिखें?

Anti Ragging Complaint Latter Format

Ragging Complaint Latter Format : दोस्‍तों, रैगिंग की घटना हो जाने के बाद आपको इसकी शिकायत लिखित रूप से अपने कॉलेज के प्रिंसिपल अथवा एंटी रैगिंग संस्‍थान में लिखित रूप से दर्ज करानी पड़ती है। यदि आपको Ragging Complaint Latter लिखना नहीं आता है, तो आप ऊपर दिये गये Format का इस्‍तेमाल करते शिकायत लिख सकते हैं।

Online Ragging Complaint Register कैसे करें? रैगिंग की शिकायत कैसे करें

How to File Online Complaint Against Ragging : यदि आप ऑनलाइन Ragging Complaint Register करना चाहते हैं तो आप अपनी शिकायत National Government Services Portal पर दर्ज करा सकते हैं।

यह एक भारत सरकार का वेब पोर्टल है जिस पर Anti Ragging Complaint File करने की भी सुविधा प्राप्‍त होती है।

  • रैगिंग की शिकायत दर्ज कराने के लिये आप services.india.gov.in/service पर भी क्लिक कर सकते हैं

ऊपर दिये गये गये लिंक पर क्लिक करते ही आप नेशनल गवर्नमेंट सर्विस पोर्टल के File Online Complaint Against Ragging के पेज पर पहुंच जाते हैं।

File a Complaint

यहां आपको Ragging Complaint Register Online से संबंधित एक लिंक Show होता है। आपको इस पर क्लिक करना है।

Fill Your Form Online

ऊपर दिये गये Online Ragging Complaint Form पर क्लिक करते ही, एक नया पेज ओपन होता है। जिसे भर कर आपको अपनी शिकायत दर्ज करानी है।

  • इस फार्म में आप सबसे पहले अपनी शिकायत का नाम दर्ज करें।
  • Victim Name भरें
  • अपना ईमेल पता दर्ज करें
  • मोबाइल नंबर इंटर करें
  • College का नाम Fill करें
  • अपना पता भरें
  • पिनकोड डालें
  • अपने राज्‍य का चयन करें
  • फिर Ragging Details वाले सेक्‍शन में रैगिंग से संब‍ंधित शिकायत का ब्‍यौरा लिखें
  • इसके बाद आपने अपने शिक्षण संस्‍थान में रैगिंग की जो शिकायत दर्ज करायी है, उसकी स्‍कैन कॉपी अपलोड करें
  • यदि आपके पास कोई दूसरा दस्‍तावेज भी है, तो उसकी भी स्‍कैन कॉपी अपलोड-2 में अपलोड करें
  • अंत में सबमिट बटन पर क्लिक करें।
  • इस प्रकार आपकी शिकायत सीधे भारत सरकार के द्धारा गठित राष्‍ट्रीय रैगिंग सेल में पहुंच जाएगी।

नेशनल एंटी रैगिंग सेल का ईमेल एड्रेस क्‍या है?

यदि आप नेशनल एंटी रैगिंग सेल में ईमेल के द्धारा अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, या फिर दर्ज की गयी शिकायत के संदर्भ में किसी प्रकार की पूछताछ करना चाहते हैं तो आप नीचे दी गयी ईमेल आईडी पर मेल भेज सकते हैं।

helpline[एट]antiragging.in

तो दोस्‍तों यह थी हमारी आज की पोस्‍ट Online Ragging Complaint Register Kaise Kare यदि आप Ragging in Hindi, Ragging Complaint Latter, File a Complaint Against Ragging से संबंधित कोई अन्‍य प्रश्‍न पूछना चाहते हैं, तो आप हमसें कमेंट बॉक्‍स के जरिये पूछ सकते हैं।

Spread the love

1 thought on “Ragging Complaint Register कैसे करें? रैगिंग की शिकायत कैसे दर्ज करायें”

  1. रैगिंग को रोकने और इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिये इन तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है। नये छात्र-छात्राएं कालेज परिसरों मेंं जाते ही नर्वसनेस के शिकार हो जाते हैं। अच्छे उपाय और अच्छी सूचना के लिए धन्यवाद🌹

    Reply

Leave a Comment